दीर्घायुर्भव जीव वत्सरशतं नश्यन्तु सर्वापद:
स्वास्थ्यं सम्भज मुंच चंचलधियं लक्ष्यैकनिष्ठो भव ।।
किं ब्रूम: भृगुगौतमात्रिकपिलव्यासादिभिर्भाषितं
यद्रामस्य पुराभिषेक समये तच्चास्तु ते मंगलम् ।।1||
डा. राजेश्वर शास्त्री मुसलगांवकर।।
सुदिनम सुदिनम जन्मदिनं तव |
भवतु मंगलं जन्मदिनम् ||
चिरंजीव कुरु कीर्तिवर्धनम्|
चिरंजीव कुरु पुण्यवर्धनम् ||
विजयी भवतु सर्वत्र सर्वदा |
जगति भवतु तव सुयशगानम्||
हम उस परमेश्वर से ये प्रार्थना करते हैं कि ये दिन आपके जीवन में बार-बार आये और आपको उतम स्वास्थ्य, दीर्घ आयु तथा आने वाला प्रत्येक दिन, आपके जीवन में अनेकानेक सफलताएँ एवं अपार खुशियाँ लेकर आये !
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