स्वागत—गीतम्
महामहनीय मेधाविन्, त्वदीयं स्वागतं कुर्मः।
गुरो गीर्वाणभाषायाः, त्वदीयं स्वागतं कुर्मः।।
दिनं नो धन्यतममेतत्, इयं मंङ्गलमयी वेला।
वयं यद् बालका एते, त्वदीयं स्वागतम् कुर्मः॥
न काचिद् भावना भक्तिः, न काचित् साधना शक्तिः।
परं श्रद्धा-सुमाञ्जलिभिः, त्वदीयं स्वागतं कुर्मः।
किमधिकं ब्रूमहे श्रीमन् निवेदनमेतदेवैकम्।
न बाला विस्मृतिं नेयाः त्वदीयं स्वागतं कुर्मः॥
गुरो गीर्वाणभाषायाः, त्वदीयं स्वागतं कुर्मः।।
दिनं नो धन्यतममेतत्, इयं मंङ्गलमयी वेला।
वयं यद् बालका एते, त्वदीयं स्वागतम् कुर्मः॥
न काचिद् भावना भक्तिः, न काचित् साधना शक्तिः।
परं श्रद्धा-सुमाञ्जलिभिः, त्वदीयं स्वागतं कुर्मः।
किमधिकं ब्रूमहे श्रीमन् निवेदनमेतदेवैकम्।
न बाला विस्मृतिं नेयाः त्वदीयं स्वागतं कुर्मः॥
हिंदी अर्थ:-
हे अत्यंत महनीय, मेधावी विद्वान! हम आपका स्वागत करते हैं। हे संस्कृत (देवभाषा) के आचार्य! हम आपका स्वागत करते हैं।
आज का यह दिन हमारे लिए सबसे अधिक धन्य है,
यह घड़ी हमारे लिए शुभ और मंगलमयी है। क्योंकि हम छोटे-छोटे विद्यार्थी आपके सामने हैं। हम सब आपका स्वागत करते हैं।
हमारे पास न तो गहरी भक्ति है, न ही कोई विशेष साधना-शक्ति। लेकिन हम अपनी सच्ची श्रद्धा के पुष्प अर्पित कर, आपका स्वागत करते हैं।
हे श्रीमान! और अधिक क्या कहें?
हमारी बस यही विनती है- कि ये छोटे-छोटे विद्यार्थी कभी आपके स्मरण से वंचित न हों। हम हृदय से आपका स्वागत करते हैं।
4 टिप्पणियां:
Shobhanam
हिंदी में अनुवाद भी करे।
हिंदी अनुवाद कर दिया है
हो गया
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